शनिवार, 30 जून 2012

सारथी था बचपन



रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर चादर बिछा कर 
बैठा हुआ था एक परिवार 
अपनी ट्रेन का इंतज़ार करता हुआ।

दो बच्चे
जो शायद भाई थे,
खेल रहे थे।
बाकी सब
सुस्ता रहे थे।
बड़े धैर्य  के साथ 
भीषण गर्मी से 
कर रहे थे 
दो - दो हाथ।

दोनों भाई ,
एक छोटा ..
एक कुछ बड़ा,
मगन थे 
अपने खेल में।
बच्चों के पास था 
एक खिलौना 
और प्लेटफ़ॉर्म का 
एक कोना।

टूटा था -
खिलौना।
प्लास्टिक की,
पीले रंग की,
एक सायकिल थी।
सायकिल भी 
खूब थी यार !
हैंडल,सीट और सवार 
तीनों ही नहीं थे !
पर पहिये थे !

पर पहिये थे.
पहियों के बल पर 
खूब दौड़ रही थी सायकिल 
बच्चों को बहला रही थी सायकिल।
उस टूटी सायकिल से ही 
बड़े खुश थे बच्चे।
उनकी बला से !
हैंडल,सीट और सवार 
नहीं थे !
पहिये तो थे !

पहिये तो थे !
जो दौड़ रहे थे सरपट !

रथचक्र बने थे पहिये 
और सारथी था बचपन। 

रविवार, 6 मई 2012

अकेले ही



सबके रहते हुए भी ,
कुछ युद्ध ऐसे होते हैं 
जो अकेले 
लड़ने पड़ते हैं .

अपनी लक्ष्मण रेखा 
पार करने का 
साहस 
स्वयं करना पड़ता है .

अपनी सीमाओं को 
अपने ही असीमित बल से 
असीम संभावनाओं में 
स्वयं बदलना पड़ता है।

भवितव्य का छल 
खुद ही नियति के 
धक्के खाकर,
अपनी ही हिम्मत के 
बूते पर,
अकेले झेलना पड़ता है,
अकेले ही संभालना पड़ता है ।

एक यात्रा 
अपने ही भीतर 
निरंतर 
एकाकी तय करनी होती है .

अपने ही भीतर 
एक गुफा है 
जिसका सन्नाटा भेद कर 
खुद ही कोई 
सुर ढूँढना पड़ता है।

अपने ही भीतर 
एक टापू है 
जिस पर 
अकेले  खड़े 
हम हैं ;
इस अकेलेपन से 
अकेले 
सामना करना पड़ता है,
नाव खेकर अपनी 
आप ही 
अपना तट खोजना पड़ता है .

अपने ही भीतर 
एक आवाज़ है 
जो सिर्फ हमें सुनाई देती है ,
हमें दुहाई देती है,
वास्ता देती है 
हर अव्यक्त भाव का ,
उपेक्षित बात का .

सबके बीच होकर भी 
अकेले ही 
अपनी कथा की परिणति 
आप ही चुननी होती है .

  

शनिवार, 28 अप्रैल 2012

चिट्ठी



चिट्ठी में चेहरा दिखता है,
मन का हर कोना दिखता है.

आड़ा-तिरछा पता लिखा है,
जल्दी में भेजा लगता है.

स्याही में घुल-मिल गया है,
आंसू जो टपका लगता है.

बड़े जतन से लिखा गया है,
हर अक्षर मोती जैसा है.

मन में तो बातों के पुराण हैं,
लिख कर केवल दोहा भेजा है.

कहने को निरा लिफ़ाफ़ा है,
पर मन का मीत मुझे लगता है.

जो कहते नहीं बनता है,
चिट्ठी में लिखा जाता है.

चिट्ठी में चेहरा दिखता है,
मन का हर कोना दिखता है.