सोमवार, 13 अक्टूबर 2025

पावन पदचिन्ह


घर-घर के द्वार पर

मंदिर के निकट

अल्पना में अंकित

शुभ श्री चरण ..

माँ लक्ष्मी के माथे पर

दमकता पूर्ण चंद्र 

नील नभ के ताल मध्य

जैसे खिला हो कमल !

अमावस और पूनम

सृष्टि का क्रम अनवरत,

नयनों में भर लेना मन

स्निग्ध चाँदनी का पीयूष।

निशा के चंद्र बनो मेरे मन

ऐसे कि उजियारी हो रैन ,

वंशी सुन हो जाए मगन,

शीतल बयार बन.. पाओ चैन ।

अंतर्दृष्टि से रस-रास अवलोकन ,

पथ प्रकाशित करें पावन पदचिन्ह ।


 

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