शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
शिकायतें मुझे भी हैं तुमसे
नाराज़गी तुम्हें भी हैं मुझसे
हम तुम बिन रह नहीं सकते
तुम्हें भी साथ रहना है हमारे
यदि हम उन खूबियों को देखें
जिनकी वजह से हम-तुम जुङे
एक-दूसरे की छाँव में सुस्ता लें
आपस में तपती धूप भी बाँट लें
कुछ अपने मन की भी कहिए
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