चिट्ठी लिखते रहना
चाहे जहाँ भी रहना
अपने हाथों से लिखना
कुशल-क्षेम कह देना
इतना तो समय मिलेगा
बस दो शब्द लिख देना
चिट्ठी पर पता तुम्हारा
दूरी कुछ कम कर देगा
लिखावट देखते रहना
मिलने जैसा ही होगा
चिट्ठी का आते रहना
उम्मीद से बँधा धागा
दूर कहीं कोई है अपना
जो अब तक नहीं भूला
थोङे को बहुत समझना
अनकहा भी पढ़ लेना
लिक्खे को संवाद जानना
और चिट्ठी लिखते रहना
बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंचिट्ठी में छिपी भावनाओं का सुंदर प्रस्तुतिकरण 👌🏻👌🏻👌🏻
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 3 सितंबर 2025 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
हाथ से लिखी चिट्ठी की बात ही निराली थी,,इंटरनेट और हाथ में मोबाइल आने से गायब हो गई ,,,,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी यादों को ताजी करती रचना
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ☺️
जवाब देंहटाएंचिट्ठी लिखकर अपनी बात कहने के प्रभाव और गाम्भीर्य की तुलना ही नहीं है 😊
सुंदर
जवाब देंहटाएंचिट्ठी लिखते रहना , बस दिल को छू गया ।
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