गुरुवार, 25 अप्रैल 2024

खिला है मोगरा


तुम्हारा तो सुप्रभात न हुआ..

समाचार ही तुम्हें ऐसा मिला !

लेकिन तुम हताश मत होना ।

ये नहीं तो कुछ और होगा,

दूसरा कोई रास्ता मिलेगा ।

खोज लगातार जारी रखना ।

हार कर द्वार बंद मत करना ।

शायद थोङा समय और लगेगा,

अवसर इसी रास्ते से आएगा,

तुम अपनी जगह मुस्तैद रहना ।

देखो यह पौधा कल मुरझा गया था,

आज इस पर खिला है एक मोगरा !

 

9 टिप्‍पणियां:

  1. आज इस पर खिला है एक मोगरा
    सुंदर रचना
    साधुवाद
    सादर वंदन

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  2. आप तक सुगंध पहुँच गई संभवतः , यशोदा सखी ! इसीलिए खिला एक मोगरा ! सविनय धन्यवाद।

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  3. सकारात्मक भाव लिए संदेशात्मक अभिव्यक्ति।
    सादर।
    ------
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २६ अप्रैल २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं

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