तर गए पत्थर
जिन पर लिखा था
राम नाम ।
कर गए पार
पवनसुत सागर
लेकर राम का नाम ।
मिला न्याय तब
जब सुग्रीव
हुए शरणागत।
हुए मुक्त
दुख से विभीषण
जप कर राम नाम ।
उतारे पार
केवट ने जब राम
हुआ भवसागर पार।
चरण पादुका पूज
भरत ने साधे राजकाज
कर राम नाम का ध्यान ।
दुख के टूटे पहाङ
माँ सीता ने धारा धैर्य
भरोसा एक राम का नाम ।
जगत के सारे व्यवधान
मेटता एक राम का नाम ।
जपना राम नाम अविराम।
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राम नाम अंकन साभार-सुश्री श्रीनिधि सीतारामन
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जय शम्भो | राधे राधे | अब देखना है राम से आगे |
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 03 फरवरी 2024 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
कृपया गुरुवार को शनिवार पढ़ें। सधन्यवाद।
हटाएंदुख के टूटे पहाङ
जवाब देंहटाएंमाँ सीता ने धारा धैर्य
भरोसा एक राम का नाम ।
अति सुन्दर सृजन,जय श्री राम 🙏
राम नाम ही जीवन सार ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सृजन
लाजवाब।
...
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