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कण कण में बसते सिया राम
जन जन के मानस में राम
बजरंग बली के हिय में राम
भ्राता भरत के तप में राम
शबरी की शरणागति में राम
केवट की निश्छल भक्ति में राम
जटायु के बलिदान में राम
विभीषण के समर्पण में राम
नल नील के कौशल में राम
वानर सेना के बल में राम
संकल्प की शुचिता में राम
सत्कर्म की दृढ़ता में राम
भाव की अविरल धारा राम
भक्त का एकमात्र अवलंब राम
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चित्र अंतरजाल से साभार
जय श्रीराम🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक एवं सारगर्भित
वाह!!!!
जय सियाराम ! धन्यवाद, सुधा जी .
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 25 जनवरी 2024 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
धन्यवाद, रवीन्द्र जी .
हटाएंशब्दों का उत्कृष्ट उपयोग I सुन्दर रचना, सुन्दर अभिव्यक्ति नूपुरम जी !
जवाब देंहटाएंस्वागत है, आपकी सराहना का ! नमस्ते पर आपके आगमन का ! नमस्ते.
हटाएंसुंदर राममय कविता नूपुर जी। बधाई और शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसहृदय सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. नमस्ते . आते रहिएगा.
हटाएंसुन्दर
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