शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
स्नेह सिक्त विदाई और उम्मीद भरा स्वागत .. सुनीता अग्रवाल mgd
अरे वाह सुनीता ! बहुत ख़ुशी हुई तुम्हारे आने से ! उससे भी ज़्यादा तुम्हारे पढने और इतनी सटीक समीक्षा करने पर . पढ़ती रहना. कहती रहना.
साल भले ही चला जाता है लेकिन यादें पीछे छोड़ कर जाता है,,नया साल उम्मीद जगाता है और उम्मीद पर ही दुनिया कायम है,,फिर इसे भी जाना है,,, नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
समय चक्र के इस क्रम को आपने बखूबी शब्दों में व्यक्त किया. शुक्रिया, कविता जी. २०२४ हम सबके लिए मंगलमय हो.
कुछ अपने मन की भी कहिए
स्नेह सिक्त विदाई और उम्मीद भरा स्वागत .. सुनीता अग्रवाल mgd
जवाब देंहटाएंअरे वाह सुनीता ! बहुत ख़ुशी हुई तुम्हारे आने से ! उससे भी ज़्यादा तुम्हारे पढने और इतनी सटीक समीक्षा करने पर . पढ़ती रहना. कहती रहना.
हटाएंसाल भले ही चला जाता है लेकिन यादें पीछे छोड़ कर जाता है,,नया साल उम्मीद जगाता है और उम्मीद पर ही दुनिया कायम है,,फिर इसे भी जाना है,,, नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसमय चक्र के इस क्रम को आपने बखूबी शब्दों में व्यक्त किया. शुक्रिया, कविता जी. २०२४ हम सबके लिए मंगलमय हो.
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