मेरे कमरे की
खिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा,
धूप में जितना तपता
उतना ही बढ़िया खिलता
और सुगंध बिखेरता !
मेरे कमरे की
खिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा,
खुशियों का है टोटका !
खाद,पानी,धूप का होना,
और प्यार से यदि सींचा
मेहनत का फूल खिलेगा!
मेरे कमरे की
खिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा,
समीकरण सुख-दुख का,
विसंगतियों का टोना,
क्षणभंगुर उल्लास का
फूल सा डिठौना !
मेरे कमरे की
खिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा,
आलाप है आस्था का,
साक्षी है अंतर कथा का,
अव्यक्त भावों का ।
मेरे कमरे की
खिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा,
हृदय के स्पंदन सा
आनंद की हिलोरें लेता,
ईशान कोण मेरे जीवन का ।
वाह नूपुर
जवाब देंहटाएंवाह नूपुर
जवाब देंहटाएंअति प्यारा
जवाब देंहटाएंऔर यह याद दिलाये वह मोगरा जो खिला ही प्रभु के चरण को छू जाने के लिए..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंइस मोगरे को जितने प्यार से सींचा जाएगा, यह उतनी ही ज़्यादा ख़ुशबू बिखेरेगा। बहुत अच्छी रचना की आपने नूपुर जी।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत ही ख़ूबसूरती से आपने मोगरे की मनमोहक सुंदरता को जीवन संदर्भ से जोड़ दिया, ख़ुशबू बिखेरती सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सरल भाषा में आपने बहुत सुन्दर विचार रखा है आपने। वाकई यह अप्रतिम है।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०८-०५ -२०२१) को 'एक शाम अकेली-सी'(चर्चा अंक-४०५९) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
वाह नूपुरम जी, कितना सुंदर लिखा कि '' मेरे कमरे की
जवाब देंहटाएंखिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा,
समीकरण सुख-दुख का,
विसंगतियों का टोना,
क्षणभंगुर उल्लास का
फूल सा डिठौना'' प्रकृति और मन के भाव.. बहुत सुंदर...वाह
बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
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