खुश रहने को
कौन बहुत सामान चाहिए !
सुबह जल्दी आँख खुली
खुश हो गए !
एक नई चिड़िया देखी
खुश हो गए !
बड़े दिनों में चिट्ठी आई
खुश हो गए !
आज चहेती सखी मिली
खुश हो गए !
गमले में इक कली खिली
खुश हो गए !
नल में पानी देर तक आया
खुश हो गए !
मुश्किल सवाल हल हो गए
खुश हो गए !
अच्छा-सा इक गीत सुना
खुश हो गए !
नानी ने नई कहानी कही
खुश हो गए !
बाबूजी ने शाबाशी दी
खुश हो गए !
माँ की गोद में सो गए
खुश हो गए !
छोटी-छोटी खुशियाँ
चाबी भर देती हैं,
मन तो एक खिलौना है
झट चल देता है !
चलते-चलते मिलती है,
कोई राह नई !
खुशियों की
कड़ियाँ जुड़ती हैं ।
लहर लहर से
एक नदी बन जाती है ।
बड़ी खुशी पाने के लिए
खुश रहना आना चाहिए ।
वर्ना खुश होने को
कौन बहुत सामान चाहिए !
छोटी-छोटी खुशियाँ
जवाब देंहटाएंचाबी भर देती हैं,
मन तो एक खिलौना है
झट चल देता है !
बहुत खूब ! सरल सहज मगर गहरी बात कही आपने ..
सार्थक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसच है। अवसाद के समय में उत्साह जगाते शब्द।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंछोटी छोटी खुशियों को बनाना पड़ता हे हर छोटे छोटे मौके से
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कविता
अरे वाह ,बहुत सुन्दर बात को कविता में ढाल दिया . सचमुच खुशी के लिये बड़े कीमती संसाधनों की जरूरत नहीं होती
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