खयालों में रंग हों तो
उन्हें दरारों में भर कर
रुपहली कलाकृति
बनाया जा सकता है ।
बेरंग चटकी ज़मीन को
कृष्ण भाव के गाढ़े
रंगों का महीन दुशाला
ओढ़ाया जा सकता है ।
जो उपेक्षित कोने को
अपनी कलात्मकता की
सांझी सेवा से सजा दे
वही कृष्ण का सुदामा है ।
कलाकृति : श्री कर्ण सिंह पति
धन्यवाद शास्त्रीजी.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअनंत आभार अनुराधाजी ।
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