शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 14 नवम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
धन्यवाद यशोदा जी ।
लगन लग जाएएक दफ़ा,तो एक दिया भीकाफ़ी है,अपने हिस्से कीरोशनी,जुटाने के लिए ।वाह्ह्ह्।बहुत खूब नुपुर जी।
अनंत आभार आदरणीया ।आपने इतने मन से पढ़ी और सराही ।
कुछ अपने मन की भी कहिए
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 14 नवम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद यशोदा जी ।
हटाएंलगन लग जाए
जवाब देंहटाएंएक दफ़ा,
तो एक दिया भी
काफ़ी है,
अपने हिस्से की
रोशनी,
जुटाने के लिए ।
वाह्ह्ह्।
बहुत खूब नुपुर जी।
अनंत आभार आदरणीया ।
हटाएंआपने इतने मन से पढ़ी और सराही ।