कोई दुख
होता है ऐसा
जो कभी भी
कहते नहीं बनता।
होता है ऐसा
जो कभी भी
कहते नहीं बनता।
कविता में नहीं,
कथा में नहीं,
बंदिश में नहीं,
रंगों में नहीं,
कथा में नहीं,
बंदिश में नहीं,
रंगों में नहीं,
बस चुपचाप
बहता रहता है
भीतर कहीं,
चौड़े पाट की
नदी की तरह ।
बहता रहता है
भीतर कहीं,
चौड़े पाट की
नदी की तरह ।
तट कभी भी
मिलते नहीं ।
पर उम्मीद भी
कभी टूटी नहीं ।
मिलते नहीं ।
पर उम्मीद भी
कभी टूटी नहीं ।
अब भी
लहरों में ढूंढती
नाव केवट की,
जो पार उतारती
प्रभु राम को भी,
लिए बिना ही
पार उतराई ।
नाव केवट की,
जो पार उतारती
प्रभु राम को भी,
लिए बिना ही
पार उतराई ।
बहुत सुंदर रचना 👌 👌
जवाब देंहटाएंअनुराधा जी, बहुत आभार.
हटाएंतट कभी भी
जवाब देंहटाएंमिलते नहीं ।
पर उम्मीद भी
कभी टूटी नहीं ।
बेहतरीन रचना ....
धन्यवाद कामिनी जी.
हटाएंआस की पतवार का आसरा बड़ा है.
तट कभी भी
जवाब देंहटाएंमिलते नहीं ।
पर उम्मीद भी
कभी टूटी नहीं ।
मन को गहरे से स्पर्श करती लाजवाब भावाभिव्यक्ति । बेहद खूबसूरत सृजन ।
आप समझीं. बहुत आभारी हूँ.
हटाएंजिन खोजा तिन पाइयां गहरे पानी पैठ ..
यह बात केवट ने ही समझी.
वाह सुंदर¡
हटाएंगहरे आध्यात्म भावों को समेटे मन की बिखरती संवरती आशाओं का मोहक संगम।
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार १५ मार्च २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
धन्यवाद श्वेता जी.
जवाब देंहटाएंकल नाव किनारे लगेगी.
कोई दुख
जवाब देंहटाएंहोता है ऐसा
जो कभी भी
कहते नहीं बनता।
सटीक सार्थक एवं सुन्दर रचना...
वाह!!!
सुधाजी,बहुत-बहुत शुक्रिया.
हटाएंहम सबको मिले अपनी-अपनी नैया का खेवैया.
बंदिश में नहीं,
जवाब देंहटाएंरंगों में नहीं,
बस चुपचाप
बहता रहता है
भीतर कहीं,
चौड़े पाट की
नदी की तरह ।...बहुत सुन्दर आदरणीया
शुक्रिया अनीता जी.
हटाएंहम सबके भीतर ये नदी बहती है अविरल.
कोई डूब जाता है कोई पार हो जाता है.
बहुत सुंदर और सारगर्भित अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शर्मा जी.
हटाएंआपने इस तट पर अपनी नाव बांधी. शुक्रगुज़ार हूँ.
कितने सुंदर भाव भरे हैं आपने इस रचना में
जवाब देंहटाएंबार बार पढ़ा, काफी अच्छा लगा
भास्कर जी,अत्यंत आभारी हूँ.
हटाएंइस भाव की नदी की लहरों ने बार-बार आपके तट के भिगोया होगा.
कोई दुख
जवाब देंहटाएंहोता है ऐसा
जो कभी भी
कहते नहीं बनता।
वाह ..... लाजवाब आदरणीया
धन्यवाद रवीन्द्रजी.
हटाएंनदी के तल में क्या है ..शायद लहरों को भी नहीं पता. सतह पर ही जो रह जाती हैं.