चलो
फिर से शुरु
करते हैं जीना ।
इस बार
शायद आ जाए
ठीक से जीना ।
शत-प्रतिशत
मुनाफ़े का सौदा
नहीं है जीना ।
बहुत जानो
अगर सीख पाओ
थोड़े में बसर करना ।
बहुत समझो
अगर आ जाए
हार कर जीतना ।
बूंद-बूंद
जीवन की सरसता
का आनंद लेना ।
पल-पल
भाग्य रेखाओं में
मेहंदी की तरह रचना ।
चलो
फिर से शुरु
करते हैं जीना ।
हमेशा कविता के लिये तरीफ निकलती है। आज कविता से अधिक आपके लिये तरीफ है मन में। काल और जीवन ऐसी चीज़े हैं जिनके बारे में सोच के डर लगता है। उसके बारे में गहराई से और सच्चाई से सोचना बोहोत बड़ी बात है। अपने जीवन का review करना भी एक तरह से भगवद् सेवा ही है! भई वाह।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सा. ठाकुरजी की यही आज्ञा है.
हटाएंपथिक
चलते रहना
तुम्हारी नियति है.
पर यदा-कदा
विश्राम करना.
चना-चबैना
जो अपनों ने
साथ बांधा था,
उस पाथेय से भी
न्याय करना.
छाँव घनी हो
जिस वृक्ष की
उसकी छाया में
कुछ देर बैठना.
अपने पाँव के छाले
देखना और सहलाना.
शीतल बयार की
थपकी पाकर
चैन की नींद
सो जाना.
गहरी नींद में भी
जीवन के कई
प्रश्नों के उत्तर
और समाधान
मिल जाते हैं.
कुछ पल का सुकून
बल देता है अपार.
पथ पर चलते रहने का.
करते हुए जीवन का जाप.
मेरे पास शब्द नही हैं। thankful to god for this lovely poem!
हटाएंऐसा कमाल का लिखा है आपने कि पढ़ते समय एक बार भी ले बाधित नहीं हुआ और भाव तो सीधे मन तक पहुंचे !!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद भास्कर जी.
हटाएंभाव भाए.
मन में समाये.
अहो भाग्य !
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (07-02-2019) को "प्रणय सप्ताह का आरम्भ" (चर्चा अंक-3240) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
पाश्चात्य प्रणय सप्ताह की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
धन्यवाद शास्त्रीजी.
हटाएं"पाश्चात्य प्रणय सप्ताह" बड़ा मज़ेदार लगा.
चलो
जवाब देंहटाएंफिर से शुरु
करते हैं जीना ।
इस बार
शायद आ जाए
ठीक से जीना ।
बहुत खूब......
शुक्रिया रवीन्द्रजी.
हटाएंहर दिन एक नयी शुरुआत होती है जीने की.
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन कवि प्रदीप और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार हर्षवर्धन जी.
हटाएंकवि प्रदीप की जहां बात चली हो,उस पन्ने पर जगह देकर, आपने मान बढ़ा दिया.
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर आपकी भावना.
हटाएंधन्यवाद आदरणीया.