जंग जीत ली है ।
सीमा पर तैनात सिपाही ने
जंग जीत ली है।
हर हिंदुस्तानी को
सीना तान कर चलने की
वजह दी है ।
सीमा की लड़ाई
जवानों ने जीत ली है।
पर सीमा के भीतर की लड़ाई ..
वही जो बापू ने थी सिखाई।
याद है ना ?
हाँ वही .. सोच की लड़ाई।
सोच की लड़ाई ..
खुद को जीतने की लड़ाई।
मेरे हिस्से की लड़ाई अभी बाकी है।
मेरे हिस्से की लड़ाई अभी बाकी है।
मेरे हिस्से का कर्म योग अभी बाकी है।
इतने दिन अपना आँगन साफ़ रखा।
अपने मौहल्ले की सफ़ाई अभी बाकी है।
इतने दिन अपने रूप का जतन किया,
मन पर जमी धूल पोंछना अभी बाकी है।
इतने दिन अपनी आजीविका का साधन जुटाया ,
साधनहीन की गरीबी दूर करना अभी बाकी है।
इतने दिन ग़लत बातों का सिर्फ़ शिकवा किया ,
ग़लत का निर्भय हो सामना करना अभी बाकी है।
इतने दिन बुरी आदतों और रूढ़ियों का रोना रोया ,
दीमक सी चिपकी आदतों को सुधारना अभी बाकी है।
बाकी है।
मेरे हिस्से की लड़ाई अभी बाकी है।
सीमा पर तैनात सिपाही ने
जंग जीत ली है।
पर मेरे हिस्से की लड़ाई अभी बाकी है।
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