रविवार, 3 अप्रैल 2011


फ़र्क

हमेशा ..

कुछ लोग बताएंगे हमेशा
फ़र्क है कितना
मेरे और तुम्हारे बीच में अनचीन्हा 
चटक कर दरार पड़ने जितना .

और कुछ लोग समझाएँगे हमेशा
फ़र्क पड़ता है कितना
सराहने से .. आपस में है जो समानता
चौड़ी दरार को पाटने जितना .

फ़र्क पड़ता है .

एक नज़रिया
दिलों में फ़र्क लाता है .
एक जज़्बा
दिलों का फ़र्क मिटाता है. 




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