रंगरेज़
तुम बातों के रंगरेज़ हो .
जिस रंग में चाहो ,
रंग दो ,
अपनी बातों को .
रंग फीका ना हो .
चोखा हो ,
चटकीला हो ,
पर पक्का हो !
जब चढ़े तो
मन में तरंग हो !
पग चंग, मृदंग, पतंग हो !
जब रचे तो
मेहंदी, हल्दी ..
रोली, ठिठोली ..
टेसू, गुलमोहर ..
फागुन की फुहार ..
इन्द्रधनुष हो !
तुम बातों के रंगरेज़ हो .
ऐसे रंग में रंग दो
अपनी बातों को ,
मानो हर सोच
एक छंद हो .
तुम बातों के रंगरेज़ हो .
जवाब देंहटाएंऐसे रंग में रंग दो
अपनी बातों को ,
मानो हर सोच
एक छंद हो .
bahut sunder rang bhare hain is rachna men, sangat ka asar! bahut khoob.