कौन कह सकता है ,
सूरदास देख नहीं सकते थे ?
सूर की दृष्टि से ही
हर भक्त ने
कृष्ण लीला का
भावमय दर्शन किया ।
बिना जाने
कौन मान सकता था ?
हेलेन केलर ना सुन सकती थीं ,
ना देख सकती थीं ।
पर जानती सब थीं ।
उनसे ज़्यादा
भरपूर जीवन किसने जिया ?
सारे संसार को उन्होंने
प्रसन्न और कर्मठ जीवन का
सुन्दर दर्शन दिया ।
हेलेन केलर को देखना सिखाया
एक टीचर के विश्वास ने ।
सूरदास ने जीवन भक्ति से साधा
और मन की आँखों से देखा ।
सामर्थ्य जब कम हो,
युद्ध मनोबल से जीते जाते हैं ।