जब जब मन
कांच की तरह
चकनाचूर हुआ . .
और कई बार हुआ . .
एक एक टुकड़ा
मैंने सहेजा,
और संभाल कर रखा ।
उनमें बार - बार
अपना अक्स देखा
और सोचा . .
चलो ये भी कोई
बुरा सौदा तो नहीं !
टूटी चीज़ों को जोड़ कर
एक बेजोड़ कलाकृति बनाना,
एक नए अस्तित्व . .
एक नए व्यक्तित्व को
जन्म देता है ।
टूट कर बिखरने को भी
एक अर्थ देता है ।
सुंदरता देता है ।
टूटी आस्था को
जोड़ देता है . .
नाम के लिए ही सही ।
कुछ देर के लिए ही सही
हौसला तो देता है ,
बिखरे कांच समेटने का,
जोड़ जोड़ कर
एक नयी इबारत गढ़ने का ।
फिर नए उत्साह से जीने का ।
कांच की तरह
चकनाचूर हुआ . .
और कई बार हुआ . .
एक एक टुकड़ा
मैंने सहेजा,
और संभाल कर रखा ।
उनमें बार - बार
अपना अक्स देखा
और सोचा . .
चलो ये भी कोई
बुरा सौदा तो नहीं !
टूटी चीज़ों को जोड़ कर
एक बेजोड़ कलाकृति बनाना,
एक नए अस्तित्व . .
एक नए व्यक्तित्व को
जन्म देता है ।
टूट कर बिखरने को भी
एक अर्थ देता है ।
सुंदरता देता है ।
टूटी आस्था को
जोड़ देता है . .
नाम के लिए ही सही ।
कुछ देर के लिए ही सही
हौसला तो देता है ,
बिखरे कांच समेटने का,
जोड़ जोड़ कर
एक नयी इबारत गढ़ने का ।
फिर नए उत्साह से जीने का ।