गुरुवार, 1 जनवरी 2026

समय के साथ चल


समय लेता है करवट हर बरस

जैसे मुट्ठी से रेत जाए फिसल


हर बीता पल समय का स्पंदन

लहर-लहर बहता नदी का जल


घूम-फिर कर फिर लौटेगा कल

क्षितिज तक नाव अपनी ले चल


आगे न पीछे समय के साथ चल

अपने बल पर मुकाम हासिल कर

 

 

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