मतवाला जो निकल पङा है
सुख-दुख बाँटने जग भर का,
कभी कम न हो उसके पथ का
आलोक मार्ग दिखाने वाला !
सुख-दुख का जब हो प्रतिदान
मन रखना एक बात का ध्यान,
बस दीप अनगिनत बालते जाना
ज्योत सद्भाव की जलाए रखना ।
जगमग जगमग जब दीपमालिका
झिलमिल हिलमिल करे उजाला,
सूरज, चंदा, तारे, मिट्टी का दिया
ज्योतिर्मय कर दें हर निर्जन कोना ।
झुलसाती लपट बन गई दीपशिखा
मेटने तम अज्ञान, स्पृहा, विषाद का ,
छोटे-छोटे दियों की सजा अल्पना
पर्व प्रकाश का मना रहा मतवाला !
बुधवार, 5 नवंबर 2025
झिलमिल हिलमिल दीपशिखा
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आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 09 नवंबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंमनोहर प्रकाश से दीप्तिमान रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन
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