भारत का उन्नत हो भाल,
करना है बस वही काम !
अपने बल पर जीतें संग्राम
बाध्य करें हम युद्ध विराम !
रहें सीखते सब अविराम,
पीछे ना रहे एक भी ग्राम !
काम ही है अपना भगवान !
सब मिलकर दें इसे अंजाम !
कौशल ही बल है यह जान,
हर पथ पर चल सीना तान !
हम ही से भारत की पहचान !
हम ही भारत का स्वाभिमान !
शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 17 अगस्त 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
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