शुक्रवार, 15 अगस्त 2025

भारत का स्वाभिमान


भारत का उन्नत हो भाल,

करना है बस वही काम !

अपने बल पर जीतें संग्राम 

बाध्य करें हम युद्ध विराम !

रहें सीखते सब अविराम,

पीछे ना रहे एक भी ग्राम !

काम ही है अपना भगवान !

सब मिलकर दें इसे अंजाम !

कौशल ही बल है यह जान,

हर पथ पर चल सीना तान !

हम ही से भारत की पहचान !

हम ही भारत का स्वाभिमान !

 

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 17 अगस्त 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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