शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
देश सिर्फ़ काग़ज़ पर खिंचीलकीरें नहीं,धमनियों में बहतीपहचान है ।तिरंगे के रंगसिर्फ़ रंग नहीं,करोङों दिलों कीआवाज़ है ।
देश सिर्फ़
काग़ज़ पर खिंची
लकीरें नहीं,
धमनियों में बहती
पहचान है ।
तिरंगे के रंग
सिर्फ़ रंग नहीं,
करोङों दिलों की
आवाज़ है ।
बहुत सुन्दर
धन्यवाद, ओंकार जी। नमस्ते। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 27 जनवरी 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
शुभकामनाएं
बेहतरीन सृजन
सही कहा आपने ... धड़कन है देश जो दिल में धड़कती है ...
कुछ अपने मन की भी कहिए
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, ओंकार जी। नमस्ते। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ।
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 27 जनवरी 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने ... धड़कन है देश जो दिल में धड़कती है ...
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