शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023

कोई कोई बात


कोई बात 

दिल में सीधे

उतर जाती है ।

हृदय तल में

बस जाती है ।

हृदय ताल में

खिलती है

कमल सी,

हंस सम 

ध्यानमग्न,

कल-कल जल में

उजले पंखों से

नैया खेती,

लहर-लहर

लिखी जाती है

कविता ।

कोई कोई बात

बन जाती है 

कविता ।



4 टिप्‍पणियां:

कुछ अपने मन की भी कहिए