सोमवार, 20 मार्च 2023

चहचहाना गौरैया का





भूरे से रंग की इक छोटी चिड़िया है, 
जो नियमित बेनागा प्रतिदिन प्रातः 
चुगने दाना-पानी, चहचहाती आती है
और मुझे जगाती है बार-बार आकर,
धाय है वो मेरी, नाम उसका है गौरैया !

अच्छा लगता है बहुत नींद से यूँ उठना,
सुन कर समवेत स्वर में चहचहाना !
मानो मन में सोये साधना के सुर जगाना ।
देखना सर्वप्रथम करवट लेकर जी भर !
खिङकी से बाहर की चहल-पहल !

झूलती मगन हरी-भरी डालियों पर
छत और छज्जे पर नन्ही गौरैया 
यहाँ-वहाँ लय में फुदकती लगातार !
जग को सुनाती प्रातः समाचार ..
लो देखो ! हो गया सुनहरा सुप्रभात !

ध्यानावस्थित शांत असीम नील नभ
सूर्य रश्मि से बुनी रेशमी वंदनवार 
एक नये दिन का करने संस्कार 
नव ऊर्जा का करने शुभ संचार 
चहेती चिरैया ने छेङे ह्रदय के तार !

एक चिड़िया गौरैया पुकारने का नाम !
मेरी हर सुबह का सुरीला आलाप !
मेरी हर शाम का चिर-परिचित राग !
चहचहाती सुबह से दिन का आगाज़ !
सचमुच गौरैया के आने से जागते हैं भाग !





6 टिप्‍पणियां:

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  2. एक चिड़िया गौरैया पुकारने का नाम !
    मेरी हर सुबह का सुरीला आलाप !
    मेरी हर शाम का चिर-परिचित राग !
    चहचहाती सुबह से दिन का आगाज़ !
    सचमुच गौरैया के आने से जागते हैं भाग !
    ... बिल्कुल मेरे भी भाग जगाने आती हैं गौरैया.. और उसकी चहचहाहट लाती है जीवन में राग, अपनापन, और लगाव।
    बहुत सुंदर रचना सखी! बहुत शुभकामनाएँ आपको और गौरैया को भी।

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    1. शुक्रिया जिज्ञासा जी.
      आपने समझी हमने जानी
      अपनी गौरैया की कहानी

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  3. नमस्ते यशोदा सखी. गौरैया के लिए हलचल में जगह बनाने वास्ते हार्दिक आभार.

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  4. आत्मीय आभार , अनीता जी. नव संवत्सर शुभ हो.

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