शनिवार, 23 अप्रैल 2022

बुकमार्क्स ले लीजिए !


पढ़ने के शौकीन दिल थाम कर ध्यान दें !
लपक लें झटपट मौका हाथ से जाने न दें !
यह चीज़ है कमाल की आपके काम की !
हमेशा नहीं मिलतीं नैमतें अपने रूझान की !

पढ़ते-पढ़ते जब कोई काम आ जाए ..
लौटें तो पुस्तक का पन्ना खो जाए !
विद्यार्थियों की तो और बङी बलाएं !
किताबों के समंदर में डूबते ही जाएं !

आप सबके लिए है एक ही उपाय !
जो हिंदी में पुस्तक चिन्ह कहलाए ।
छोटे-बङे सजीले बुकमार्क आज़माएं !
मनभावन डिज़ाइन छांट कर ले जाएं !

दाम तो हुज़ूर इनके कुछ भी नहीं जी !
जितनी कारीगरी इनकी मन को लुभाए !
ख़ास बात ये कि छोटे बच्चों ने हैं बनाए !
बहुत कुछ कहती हैं इनकी कल्पनाएं ।

शादी के कार्ड जो रद्दी की शोभा बढाएं ।
कैलेंडर,लिफ़ाफ़े,चित्र, जो काम न आएं ।
बचे हुए रंग, कतरनें , सब काम में लाएं ।
होनहारों के रहते कुछ भी बेकार न जाए ।

डायरी, किताबों की, नूरानी रंगत हो जाए !
पढ़ते-पढ़ते कहाँ रूके थे, यह याद दिलाए ।
स्वाभिमानी बच्चों को स्वावलंबी बनाएं ।
कद्रदान मनपसंद  चिन्ह खरीद ले जाएं ।

कान किताबों के उमेठने की नौबत न आए !
बुक काॅर्नर्स की टोपियाँ कोनों को पहनाएं !
सुलेख,सुविचार,फूल-पत्ती,मांडने से सजाएं,
इन्हें पढ़ने के सफ़र में मील का पत्थर बनाएं ।

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कलाकार : 
माखनचोरी - उड़ीसा के अनाम कलाकार 
अंग्रेज़ी बुकमार्क - वृंदा शांडिल्य 
शेष दो अपने बनाए हुए 

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18 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया ।
    सटीक जानकारी और सुंदर कविता ।

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    1. धन्यवाद, जिज्ञासा जी । इसी बात पर ले लीजिए दो-चार ! : )

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  2. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 26 अप्रैल 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    उत्तर
    1. दिग्विजय जी, इस सुंदर संकलन में स्थान देने के लिए और बहुत खूबसूरत प्लेसमेंट के लिए हार्दिक आभार बारंबार । आज जो रचनाएँ आपने चुनी हैं, गागर में सागर समान हैं । सभी का सविनय अभिनंदन ।

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  3. उत्तर
    1. शुक्रिया विभा जी । वास्तव में किसी को बुकमार्क्स चाहिए तो बताइएगा ।

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  4. बहुुतअच्‍छी प्रेरक प्रस्‍तुति

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  5. शुभा जी, शुक्रिया । आती रहिएगा ।

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  6. उत्तर
    1. इसी बात पर थोडा सा लिसौड़े का अचार खिलाइए ! :) धन्यवाद, ज्योति जी.

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  7. ओंकार जी, शुक्रिया. किसी हस्तकला प्रदर्शनी में जाएं तो पट्टचित्र पर बने बुकमार्क्स तो ले ही लीजियेगा.

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