मंगलवार, 22 मार्च 2022

कविता


 




 


कविता सुनियेगा  ?

कमल दल पर ठहरी
ओस की पारदर्शी 
प्रच्छन्न बूंदों में ,
चेहरे की नमकीनियत में,
मिट्टी की नमी में, 
मेहनत के पसीने में, 
ठंडी छाछ में, 
गन्ने के गुङ में, 
माखन-मिसरी में,
मधुर गान में, 
मुरली की तान में, 
मृग की कस्तूरी में, 
फूलों के पराग में, 
माँ की लोरी में, 
वीरों के लहू में, 
मनुष्य के हृदय में 
जो तरल होकर 
बहता है, 
उसे कहते हैं हम
कविता ।

25 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (23-03-2022) को चर्चा मंच     "कवि कुछ ऐसा करिये गान"  (चर्चा-अंक 4378)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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    1. कवि का गान सुनने की बहुत उत्सुकता है ।
      चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका हार्दिक आभार, शास्त्री जी ।

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    2. सुंदर प्रतीकों के साथ रची गई बेहतरीन प्रस्तुति|
      कविता का वाचन बहुत कर्णप्रिय रहा ...बधाई हो आपको!

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    3. शास्त्रीजी,आपका आशीर्वाद चाहिए. बहुत कुछ सीखना है.
      आपको वाचन अच्छा लगा, जान कर बहुत प्रोत्साहन मिला.

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  2. वाह ! कितनी सुन्दरता से कविता को परिभाषित किया आपने …अति सुन्दर सृजन नुपूरं जी।

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    1. सविनय धन्यवाद, मीना जी ।
      संभवतः कविता की
      कोई परिभाषा नहीं ।
      परिभाषा में बंधी होती
      तो शायद कविता न होती ।

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  3. वाह ! सुंदर परिभाषा सारगर्भित भी ।
    बहुत बढ़िया कहा सखी ।
    बधाई ।

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    1. जिज्ञासा जी, एक अनुभूति हुई, बस और कुछ नहीं । हमने कही । आपने समझी । और क्या चाहिए जी !

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  4. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 23 मार्च 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
    !

    अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्

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    1. पम्मी जी, नमस्कार ।
      भाग लेने के लिए हमेशा तैयार ।
      अवसर देने के लिए आपका हार्दिक आभार ।

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  5. वाह!! कविता की सुंदर परिभाषा

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    1. शायद परिभाषा कम, आभास ज़्यादा .
      धन्यवाद, अनीता जी. उम्मीद है आपने ऑडियो सुना होगा.

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  6. वाह!!!.
    कविता सी सुन्दर कविता की परिभाषा
    लाजवाब।

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    1. आपने कितनी प्यारी बात कही.
      हमने मन में संजो कर रख ली.

      शुक्रिया, सुधा जी. क्या आपने ऑडियो सुना ?

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  7. उत्तर
    1. बहुत-बहुत शुक्रिया !
      नमस्ते पर आपका सहर्ष स्वागत है ।

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  8. सुन्दर सृजन नुपूरं जी परिवारिक व्यस्ताओं के कारण बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर आना हुआ

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  9. धन्यवाद । आपका पुनः स्वागत है नमस्ते पर ।
    बहुत अच्छा लगा ।

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