कमल दल पर ठहरीओस की पारदर्शीप्रच्छन्न बूंदों में ,चेहरे की नमकीनियत में,मिट्टी की नमी में,मेहनत के पसीने में,ठंडी छाछ में,गन्ने के गुङ में,माखन-मिसरी में,मधुर गान में,मुरली की तान में,मृग की कस्तूरी में,फूलों के पराग में,माँ की लोरी में,वीरों के लहू में,मनुष्य के हृदय मेंजो तरल होकरबहता है,उसे कहते हैं हमकविता ।
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (23-03-2022) को चर्चा मंच "कवि कुछ ऐसा करिये गान" (चर्चा-अंक 4378) पर भी होगी!
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
कवि का गान सुनने की बहुत उत्सुकता है ।
हटाएंचर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका हार्दिक आभार, शास्त्री जी ।
सुंदर प्रतीकों के साथ रची गई बेहतरीन प्रस्तुति|
हटाएंकविता का वाचन बहुत कर्णप्रिय रहा ...बधाई हो आपको!
शास्त्रीजी,आपका आशीर्वाद चाहिए. बहुत कुछ सीखना है.
हटाएंआपको वाचन अच्छा लगा, जान कर बहुत प्रोत्साहन मिला.
वाह ! कितनी सुन्दरता से कविता को परिभाषित किया आपने …अति सुन्दर सृजन नुपूरं जी।
जवाब देंहटाएंसविनय धन्यवाद, मीना जी ।
हटाएंसंभवतः कविता की
कोई परिभाषा नहीं ।
परिभाषा में बंधी होती
तो शायद कविता न होती ।
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंॐ
हटाएंओंकार जी, सराहना के लिए धन्यवाद ।
वाह ! सुंदर परिभाषा सारगर्भित भी ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया कहा सखी ।
बधाई ।
जिज्ञासा जी, एक अनुभूति हुई, बस और कुछ नहीं । हमने कही । आपने समझी । और क्या चाहिए जी !
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 23 मार्च 2022 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्
पम्मी जी, नमस्कार ।
हटाएंभाग लेने के लिए हमेशा तैयार ।
अवसर देने के लिए आपका हार्दिक आभार ।
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसहस्त्र धन्यवाद, आलोक जी.
हटाएंवाह!! कविता की सुंदर परिभाषा
जवाब देंहटाएंशायद परिभाषा कम, आभास ज़्यादा .
हटाएंधन्यवाद, अनीता जी. उम्मीद है आपने ऑडियो सुना होगा.
वाह!!!.
जवाब देंहटाएंकविता सी सुन्दर कविता की परिभाषा
लाजवाब।
आपने कितनी प्यारी बात कही.
हटाएंहमने मन में संजो कर रख ली.
शुक्रिया, सुधा जी. क्या आपने ऑडियो सुना ?
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसविनय धन्यवाद.
हटाएंबहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत शुक्रिया !
हटाएंनमस्ते पर आपका सहर्ष स्वागत है ।
सुन्दर सृजन नुपूरं जी परिवारिक व्यस्ताओं के कारण बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर आना हुआ
जवाब देंहटाएंआपने ऑडियो भी सुना?
हटाएंधन्यवाद । आपका पुनः स्वागत है नमस्ते पर ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा ।