मंगलवार, 4 मई 2021

ईशान कोण जीवन का


मेरे कमरे की
खिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा, 
धूप में जितना तपता
उतना ही बढ़िया खिलता
और सुगंध बिखेरता !

मेरे कमरे की
खिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा, 
खुशियों का है टोटका !
खाद,पानी,धूप का होना, 
और प्यार से यदि सींचा
मेहनत का फूल खिलेगा!

मेरे कमरे की
खिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा, 
समीकरण सुख-दुख का,
विसंगतियों  का टोना,
क्षणभंगुर उल्लास का 
फूल सा डिठौना !

मेरे कमरे की
खिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा, 
आलाप है आस्था का,
साक्षी है अंतर कथा का,
अव्यक्त भावों का ।

मेरे कमरे की
खिङकी का यह कोना
जिसमें फूला है मोगरा, 
हृदय के स्पंदन सा
आनंद की हिलोरें लेता,
ईशान कोण मेरे जीवन का ।


14 टिप्‍पणियां:

  1. और यह याद दिलाये वह मोगरा जो खिला ही प्रभु के चरण को छू जाने के लिए..

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  2. इस मोगरे को जितने प्यार से सींचा जाएगा, यह उतनी ही ज़्यादा ख़ुशबू बिखेरेगा। बहुत अच्छी रचना की आपने नूपुर जी।

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. बहुत ही ख़ूबसूरती से आपने मोगरे की मनमोहक सुंदरता को जीवन संदर्भ से जोड़ दिया, ख़ुशबू बिखेरती सुंदर रचना।

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  5. बहुत ही सरल भाषा में आपने बहुत सुन्दर विचार रखा है आपने। वाकई यह अप्रतिम है।

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  6. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०८-०५ -२०२१) को 'एक शाम अकेली-सी'(चर्चा अंक-४०५९) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  7. वाह नूपुरम जी, क‍ितना सुंदर ल‍िखा क‍ि '' मेरे कमरे की
    खिङकी का यह कोना
    जिसमें फूला है मोगरा,
    समीकरण सुख-दुख का,
    विसंगतियों का टोना,
    क्षणभंगुर उल्लास का
    फूल सा डिठौना'' प्रकृत‍ि और मन के भाव.. बहुत सुंदर...वाह

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