मंगलवार, 26 जनवरी 2021

जन गण मन प्रतिबद्ध

जन्मभूमि के लिए 
जो जिये और मरे,
उनका अनुकरण 
कर पाएं हम ..
साहस का उनके 
कर वरण,
नित करें स्मरण 
और वंदन ।

शहीदों और वीरों के
बलिदान का हर क्षण,
अमिट छाप छोङे
जन मानस पर ।

जो न्योछावर हुए 
देश की माटी पर,
उन पर न्योछावर 
देश की धङकन ।

श्वास श्वास कृतज्ञ
शत शत नमन,
सदा सेवा में सजग
सज्ज रहें जन गण मन ।


18 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात शास्त्री जी । धन्यवाद ।
    कल के घटनाक्रम से स्तब्ध और हतप्रभ है मन ।

    जवाब देंहटाएं
  2. उत्तर
    1. सखी ! बहुत दिनों में हुई भेंट ! बहुत दिनों में झंकृत हुए मन की वीणा के तार !
      धन्यवाद. जय जवान. जय वास्तविक किसान.

      हटाएं
  3. श्वास श्वास कृतज्ञ
    शत शत नमन,
    सदा सेवा में सजग
    सज्ज रहें जन गण मन ।
    - गणतंत्र दिवस पर सुंदर रचना। शुभकामनाओं सहित अभिवादन। ।।।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. नमस्ते. धन्यवाद.
      हम सब अपना कद ऊँचा करें.
      पर ना बनें "जैसे पेड़ खजूर".
      जय हिन्द !

      हटाएं
  4. देशप्रेम से सुसज्जित मनोहारी कृति..

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद, जिज्ञासा जी. नमस्ते पर आपका हार्दिक स्वागत है.
      आती रहिएगा.

      हटाएं
  5. उत्तर
    1. शुक्रिया,माथुर साहब.
      नमस्ते पर आपका हार्दिक स्वागत है.
      उम्मीद है, आना-जाना लगा रहेगा.

      हटाएं
  6. उत्तर
    1. शुक्रिया,आशीष जी. आपको अच्छा लगा, जान कर हर्ष हुआ.

      हटाएं
  7. उत्तर
    1. धन्यवाद, अनीता जी.
      आपका प्रोत्साहन मिलता रहे.
      कारवां आगे बढ़ता रहे.

      हटाएं

कुछ अपने मन की भी कहिए