जन्मभूमि के लिए
जो जिये और मरे,
उनका अनुकरण
कर पाएं हम ..
साहस का उनके
कर वरण,
नित करें स्मरण
और वंदन ।
शहीदों और वीरों के
बलिदान का हर क्षण,
अमिट छाप छोङे
जन मानस पर ।
जो न्योछावर हुए
देश की माटी पर,
उन पर न्योछावर
देश की धङकन ।
श्वास श्वास कृतज्ञ
शत शत नमन,
सदा सेवा में सजग
सज्ज रहें जन गण मन ।
सुप्रभात शास्त्री जी । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंकल के घटनाक्रम से स्तब्ध और हतप्रभ है मन ।
सलाम है, वीर जवानों को
जवाब देंहटाएंजय हिंद ।
हटाएंशुक्रिया,गगन जी ।
सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद,ओंकारजी.
हटाएंसुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंजय जवान ।
सखी ! बहुत दिनों में हुई भेंट ! बहुत दिनों में झंकृत हुए मन की वीणा के तार !
हटाएंधन्यवाद. जय जवान. जय वास्तविक किसान.
श्वास श्वास कृतज्ञ
जवाब देंहटाएंशत शत नमन,
सदा सेवा में सजग
सज्ज रहें जन गण मन ।
- गणतंत्र दिवस पर सुंदर रचना। शुभकामनाओं सहित अभिवादन। ।।।
नमस्ते. धन्यवाद.
हटाएंहम सब अपना कद ऊँचा करें.
पर ना बनें "जैसे पेड़ खजूर".
जय हिन्द !
देशप्रेम से सुसज्जित मनोहारी कृति..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, जिज्ञासा जी. नमस्ते पर आपका हार्दिक स्वागत है.
हटाएंआती रहिएगा.
बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया,माथुर साहब.
हटाएंनमस्ते पर आपका हार्दिक स्वागत है.
उम्मीद है, आना-जाना लगा रहेगा.
Very nice... bahut hi sundar likha hai apne... :-)
जवाब देंहटाएंशुक्रिया,आशीष जी. आपको अच्छा लगा, जान कर हर्ष हुआ.
हटाएंप्रशंसनीय
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंसादर
धन्यवाद, अनीता जी.
हटाएंआपका प्रोत्साहन मिलता रहे.
कारवां आगे बढ़ता रहे.