आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (0५ -१०-२०१९ ) को "क़ुदरत की कहानी "(चर्चा अंक- ३४७४) पर भी होगी। चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। आप भी सादर आमंत्रित है …. अनीता सैनी
जितनी सुन्दर कविता , उतना ही सुन्दर चित्र। वाह
जवाब देंहटाएंअनंत आभार अनमोल सा ।
हटाएंरंग होते ही ऐसे हैं ।
अपने रंग में रंग लेते हैं ।
वाह अनेकांत जैसा सुंदर प्रभावशाली चिंतन।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (0५ -१०-२०१९ ) को "क़ुदरत की कहानी "(चर्चा अंक- ३४७४) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
बहुत सुंदर कविता।
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
iwillrocknow.com
बहुत सुंदर भाव और चिंतन।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंbahut sundar ,,,aur bilkul sahi ;isse hara rang yaad a gya ...jaise peela aur neela se hara rang banta hai .
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