गुरुवार, 18 जुलाई 2019

नानाजी ने दी थी


नानाजी ने दी थी
नारायण की चवन्नी ।

कहा था,
संभाल कर रखना
इसे कभी मत खोना ।

ये भी कहा था,
जब सब खो जाता है,
तब काम आती है
नारायण की चवन्नी ।

बात सच्ची निकली ।
जब किस्मत खोटी निकली
तब चवन्नी ही काम आई ..

नारायण की चवन्नी 

क्या नहीं खरीद सकती ?
चांदी-सोने की गिन्नी ?
पर मन का चैन देती
नारायण की चवन्नी ।

इस चवन्नी के बल पर
हम दुनिया से लड़ गए 

बहुत हारे, पर हारे नहीं 

हमारी मुट्ठी में जो थी,
नारायण की चवन्नी ।

अमीरी का हमारी 

ठिकाना नहीं !
ठाकुरजी के दिए 

ठाठ हैं सभी !
प्रारब्ध की कील 

गड़ती नहीं ।
विरासत में हमको

सेवा मिली ।

रसास्वादन की 
कला दी थी ..
रस में पगी 
कथा दी थी ..

नानाजी ने दी थी
नारायण की चवन्नी ।

10 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. प्रोत्साहन के लिए अनेकानेक धन्यवाद.
      नमस्ते पर आपका विनम्र स्वागत है.

      विनती है आना-जाना लगा रहे.
      आपका मार्गदर्शन मिलता रहे.

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. What a pleasant surprise Sachin !
      At last you have arrived on your own !
      Very happy to welcome you to namaste.
      Thank you. Glad you liked.

      हटाएं
  3. उत्तर
    1. सुन्दर श्री राधा नाम जी !
      सुन्दर केशव का दर्शन जी !
      सुन्दर भक्त की भावना जी !
      अपना नाम तो बता दो जी !

      हटाएं

  4. श्रीमन्नारायण नारायण नारायण!
    मधुर।

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  5. बहुत सुन्दर रचना है। राधे राधे

    जवाब देंहटाएं

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