आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (29-04-2019) को "झूठा है तेरा वादा! वादा तेरा वादा" (चर्चा अंक-3320) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
दार्शनिक अंदाज । वैसे आज की व्यस्त जिन्दगी में ऐसी कल्पना, महज कोरी कल्पना सी लगती है। सुन्दर सपन सलोने सा।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (29-04-2019) को "झूठा है तेरा वादा! वादा तेरा वादा" (चर्चा अंक-3320) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंगहरा तो इतना की खुद का अस्तित्व भी सागर मेंं बूंद सा लगता है । बहुत सुन्दर सृजन ।
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