शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
वाआह, बिलकुल सही कहा...
शुक्रिया,शाह नवाज़ जी ।
सही कहा है ... समय का कुछ पता नहीं .. तैयार रहना ही कर्म है ...
धन्यवाद नसवा जी....ना जाने किस भेस में नारायण मिल जाएं !
सार्थक प्रस्तुति
शुक्रिया ओंकार जी.बहुत दिनों में आपका आना हुआ.
कुछ अपने मन की भी कहिए
वाआह, बिलकुल सही कहा...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया,शाह नवाज़ जी ।
जवाब देंहटाएंसही कहा है ... समय का कुछ पता नहीं .. तैयार रहना ही कर्म है ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद नसवा जी.
हटाएं...ना जाने किस भेस में नारायण मिल जाएं !
सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ओंकार जी.
हटाएंबहुत दिनों में आपका आना हुआ.