सरस्वती माँ ।
वरद हस्त शीश पर रख दो माँ ।
सहस्त्र सजल नमन स्वीकार करो माँ ।
वरद हस्त शीश पर रख दो माँ ।
सहस्त्र सजल नमन स्वीकार करो माँ ।
वीणा के तार झंकृत किए
जिस वेला आपने ।
वसंत फूला जगत में
और अंतर्मन में ।
जिस वेला आपने ।
वसंत फूला जगत में
और अंतर्मन में ।
ऐसा वर दो माँ
विद्या को वरूँ
किंतु अपने तक ना रखूं
जितना मिले उतना बांटूं ।
विद्या को वरूँ
किंतु अपने तक ना रखूं
जितना मिले उतना बांटूं ।
ऐसा वर दो माँ
कला की साधना करूं
पर प्रदर्शन की परिधि में
मेरी कला सीमित ना रहे ।
कलात्मक अभिव्यक्ति से
जीवन की अनुभूति करुं ।
कला की साधना करूं
पर प्रदर्शन की परिधि में
मेरी कला सीमित ना रहे ।
कलात्मक अभिव्यक्ति से
जीवन की अनुभूति करुं ।
ऐसा वर दो माँ
जीवन को सजग जी सकूं ।
विद्या ग्रहण कर सबल बनूं ।
कीचड़ में कमल बन खिलूं ।
अंधकार में दीपक बन बलूं ।
चट्टान की तरह अडिग रहूँ ।
वट वृक्ष सम गहन धैर्य धरूँ ।
मिट्टी में घुलमिल विनय गहूँ ।
जीवन को सजग जी सकूं ।
विद्या ग्रहण कर सबल बनूं ।
कीचड़ में कमल बन खिलूं ।
अंधकार में दीपक बन बलूं ।
चट्टान की तरह अडिग रहूँ ।
वट वृक्ष सम गहन धैर्य धरूँ ।
मिट्टी में घुलमिल विनय गहूँ ।
ऐसा वर दो माँ ।
जाग्रत रहे विवेक ।
विसर्जित हों मन के क्लेश ।
विचारों की जड़ता हो दूर ।
हृदय तल हो इतना पावन ।
मन में आन बसो तुम माँ ।
जाग्रत रहे विवेक ।
विसर्जित हों मन के क्लेश ।
विचारों की जड़ता हो दूर ।
हृदय तल हो इतना पावन ।
मन में आन बसो तुम माँ ।
वर वीणा मृदु पाणी वनरुह-लोचनुराणी
जवाब देंहटाएंसुरुचिर बम्बर वेणी सुर-नुत कल्याणी।
अनमोल सा, भावार्थ भी समझाइये.
हटाएंमाँ सरस्वती के ही बारे में है.इतना समझ आया. धन्यवाद.
माँ के चरणों में वंदन ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ...
धन्यवाद नसवा जी.
हटाएंमाँ की वंदना में विद्या का सार है.
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (12-02-2019) को "फीका पड़ा बसन्त" (चर्चा अंक-3245) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद शास्त्रीजी.
हटाएंवसंत के विषय में नवनीत में आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का एक लेख पढ़ा.
उन्होंने कहा - वसंत आता नहीं, वसंत लाया जाता है.