रविवार, 27 अगस्त 2017

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हमसे मिलिए !

हम इस सदी के 
महानायक हैं !
हम करुणानिधान, दयावान, 
सर्वत्र व्याप्त,
सबका भला चाहने वाले,
प्रेम से पगे
जगत उद्धारक हैं !

हम भावुक, 
सबके दुःख से द्रवित 
सद्भावना की मूर्ति हैं !
सोचिये तनिक  . . 
प्रस्तर प्रतिमा की 
बंद आँखों से 
आंसू बहते हैं !

किसी की कथा-व्यथा 
जान कर,
हमारा मक्खन-सा  
मुलायम दिल 
झट पिघल जाता है !
और पट हम 
सोशल मीडिया पर 
साझा करते हैं ।

हम चूकते नहीं !
अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी से 
मुँह मोड़ते नहीं,
तुरंत कार्यवाही करते हैं !
हम सबको बताते हैं,
क्या करना है !
जैसे  . . हम 
अथक परिश्रम करते हैं !
हम लगातार 
बिना रुके 
सोशल मीडिया पर 
शेयर करते हैं !

   

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