जीवेम शरदः शतं !
सौ बरस जियो !
अथवा जितने बरस जियो . .
हर पल को
सौ गुना जियो !
नेक बनो ।
सादादिल रहो ।
कुछ अच्छा करने का
संकल्प करो ।
कर्म करो . .
जैसा गीता में
कृष्ण ने कहा ।
भक्त प्रह्लाद बनो ।
ध्रुव प्रश्न करो ।
अटल रहो . .
अपने चुने पथ पर ।
कीचड़ में
कमल बन के खिलो ।
पराजय से
परास्त मत हो ।
प्रस्तर से प्रतिमा गढ़ो ।
धैर्य का कवच
धारण करो ।
नदी की तरह बहो ।
अंतर्मन स्वच्छ करो ।
चाहे जो हो . .
भरपूर जियो ।
जीवन के
हर अनुभव का
मंथन करो ।
सार को गहो ।
दिये की तरह
सजग रहो ।
जितने दिन जियो . .
हर एक दिन
एक संपूर्ण जीवन जियो ।
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