याद है उस दिन
जिस दिन
माँ ने तुम्हें
एक ज़ोर का
चाँटा मारा था
और बहुत
डॉटा था ..
उस दिन
जब तुम
रोते-रोते
सो गए थे,
तुम्हारे गालों पर
आंसू
सूख गए थे..
उस दिन
देर रात तक मॉं
जागती रही थी.
बहुत देर तक
तुम्हारे सिरहाने बैठी
हिलक हिलक कर
रोती रही
और तुम्हारा माथा
सहलाती रही..
उस दिन
बहुत देर तक.
तुम्हें पता नहीं.
Good job once again! I am looking forward for more updates!
जवाब देंहटाएंRespect to author, some good selective information.
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