जिसको जितना प्यार करो
वो उतना दुःख दे जाता है
सच बोलो सबका कहना है
सच सहना किसको आता है
जो शब्द नहीं कह पाते हैं
वो चुप रहना कह जाता है
जब सूरज भी बुझ जाता है
इक दिया उजाला लाता है
सीखो जितना भी सीख सको
अपना हुनर ही काम आता है
जो बातें ख़ुद न सीख सके
वो वक़्त हमें सिखलाता है
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