दादी
दादी की यादें
दादी की बातें
मन से बंधी हैं
ताबीज़ की तरह.
दादी की बोली
दादी की ठिठोली
गाँठ से बंधी है
कमाई की तरह.
दादी की गोदी
दादी की थपकी
मन को समझाती है
लोरी की तरह.
दादी की झिड़की
दादी की उंगली
रास्ता दिखाती है
ध्रुव तारे की तरह.
nupuram@gmail.com
बहुत उम्दा.
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