बुधवार, 11 मार्च 2009

होली


जीतो !
जब दिल से
दांव खेलो !

सोच की
चौपड़ के
चौंसठ खाने . .
जो खाने
खाली हों,
उन में मनचाहे
रंग भर लो !

खेलनी तो है
जीवन की बाज़ी !
जी भर कर खेलो !

रंग अपनी ढब के चुनो !
और जम कर खेलो !!


2 टिप्‍पणियां:

  1. Besakhta by Tehseen Munawer

    Ang ang mein jang machi hai aman ki top chala do re pritam
    Aaj hai holi prem ki boli phir se hamein suna do re pritam
    Dunia ke sab rang hain jhoote lag lag tan per saare cchoote
    Jeevan bher jo cchoote naahin aisa rang laga do re pritam

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  2. Happy Holi to you...
    जम कर होली खेलो.....
    सुंदर रचना आदरणीया ।

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