सोमवार, 26 सितंबर 2022

भीगना ज़रूरी है


भीगना ज़रूरी है ।
मूसलाधार बारिश में ।
रिमझिम बरसती 
बूँदों की आङ में 
रो लेना भी ज़रूरी है ।
धुल जाते हैं 
ह्रदय में उलझे द्वन्द, 
छल और प्रपंच 
जिनकी मार 
दिखाई नहीं देती ।

भीगना ज़रूरी है ।
भावनाओं की बौछार में ।
अपनों के दुलार में ।

भीगना ज़रूरी है ।
थुल जाते हैं आँगन चौबारे ।
सोच के धूल भरे गलियारे ।

भीगना ज़रूरी है ।
घर से बाहर निकल आना
बिना छाते-बरसाती के, 
मुक्त होना भीगने के डर से ।

अपने आप को बहने देना 
वर्षा के जल में,
और लबालब भर देना
रीते कोने बरसाती गढ्ढे ।

भीगना ज़रूरी है ।
यह जानने के लिए कि
कौन कितने पानी में है,
और किस-किसको
आता है तैरना ।

भीगना ज़रूरी है ।
आनंद और उल्लास में ।
प्रकृति के हास में ।
जिससे नम हो मन की मिट्टी 
जिसमें खिलें फूल ही फूल ।

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चित्र सौजन्य : श्री अनमोल माथुर

मंगलवार, 13 सितंबर 2022

मातृभाषा माँ है



मातृभाषा माँ है ।
धमनियों में बहती है ।
हृदय में धङकती है ।
श्वास में बसती है ।
शब्दों में व्यक्त होती है ।

मातृभाषा माँ है ।
चुनी नहीं जाती है ।
विकल्प नहीं है । 
शाश्वत सत्य है ।
अंतिम अवलंब है ।

मातृभाषा माँ है ।
अभिव्यक्ति का श्रृंगार है ।
अनुभूति का अनुनाद है ।
जीवन का व्यवहार है ।
जन्मसिद्ध अधिकार है ।

मातृभाषा माँ है ।
अवचेतन में प्रतिष्ठित,
जननी का दुलार है ।
परदेस में ताबीज़ है ।
अपनी पहचान है ।

मातृभाषा माँ है ।
भावनाओं का विश्वकोष,
प्रथम भाव संस्कार है ।
व्यक्तित्व का प्रतिबिंब, 
अस्तित्व का आधार है ।

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चित्र साभार अंतरजाल 


गुरुवार, 8 सितंबर 2022

छायादार रास्ते

तुमने वो रास्ते देखे हैं ..
जिनके किनारे - किनारे 
घने पेङ होते हैं ?
बीच में होता है रास्ता 
माँग जैसा ।
इस रास्ते के बीचों-बीच 
खङे होकर ऊपर देखो
तो ऐसा लगता है,
मानो दोनों वृक्षों ने
थाम लिया हो
एक-दूसरे को,
गले मिल रहे हों 
दोस्त, हमख़याल ।
जैसे बचपन में 
ठीक इसी तरह
हाथ पकङ कर
पुल बनाया जाता था,
नीचे से रेल गुज़रती थी,
कमीज़, फ़्राक पकङे हुए 
सरकते रेल के डिब्बे बने
सीटी बजाते छुक-छुक करते !
कभी लगता है घर के बङे
झुक कर हवा झलते हुए
दे रहे हों आशीर्वाद ।
अकस्मात ऐसा कोई रास्ता 
चलते-चलते मिल जाए तुम्हें 
तो ज़रूर बताना ।
घर के बच्चों को मुझे 
ऐसे रास्तों पर है चलाना ।
ताकि ऐसे रास्तों को बच्चे 
बचा सकें अपने हाथों से,
घनी छाँव की छत्रछाया, 
ठंडी हवा के झोंके और
अदृश्य चिङिया का चहचहाना ।