दीवार से सट कर
खिला हुआ एक पौधा
कैमरा फ़्रेम के बीचोंबीच
अचानक आ खड़ा हुआ,
महा-जिज्ञासु बच्चे सा
टुकुर-टुकुर ताकता हुआ ।
तब हमारा भी ध्यान गया ।
क्यों दीवार से सट कर
खिला हुआ है ये पौधा ?
खिला हुआ है ये पौधा ?
सामने तो खुला मैदान था ..
क्या अबीर-गुलाल जब उड़ा
हुड़दंग से बचता हुआ
जिसकी मुट्ठी में रंग था
छोटा-सा बच्चा
ईंट की दीवार से लग कर
खड़ा हो गया ? या ..
क्या कोई नन्हा रूठ कर
मुँह फुला कर
मुँह फुला कर
सबसे दूर जा कर
मुँह फेर कर
जा खड़ा हुआ है ?
ताकि गुस्सा भी ज़ाहिर हो..
नज़रों से ओझल भी ना हो..
कोई टॉफी देकर बहला ले !
खुशामद कर के मना ले !
रूठने के मासूम बहानों में
भोला बचपन छलकता है ।
भोला बचपन छलकता है ।
अनायास ही खिले फूल में
अंतरतम खिल उठता है ।