नमस्ते namaste
शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
शनिवार, 7 नवंबर 2015
हरियल
शहर के
पथरीले बीहड़ में,
बस अभी अभी,
पंख फैला कर उड़ता
एक तोता देखा !
अनायास ही,
मन मेरा
हरा-भरा हो गया !
बुधवार, 15 जुलाई 2015
सत्य
सब कुछ
ध्वस्त
होने के बाद
जो बचता है,
वही
शाश्वत सत्य
होता है ।
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