हारसिंगार का पौधा ।
किताबों में पढ़ा था ,
हारसिंगार का खिलना
कितना मन को छूता है ।
उपन्यासों में पढ़े थे ,
कितने भावुक प्रसंग
हारसिंगार से जुड़े हुए ।
कितने भावुक प्रसंग
हारसिंगार से जुड़े हुए ।
गीत के बोलों में …
हारसिंगार झरते थे ।
बहुत भाता था तुम्हें ,
हारसिंगार का झरना ।
दूर गाँव हो गया ।
पर तुम्हारे घर की
पहरेदारी कर रहा ,
फूलों से सजा हुआ
हारसिंगार का कोना ।
लोग ले जाते हैं ,
अब भी
फूल चुन के ,
हमेशा की तरह ।
पहचानते हैं ,
भीनी - भीनी
सुगंध की बयार ।
झोली भर लेते हैं ,
लोग तुम्हें
हारसिंगार के बहाने
याद बहुत करते हैं ।