रविवार, 23 जून 2013

क्या पढ़ेंगे आप ?




अच्छा ये बताइये 
आप क्या पढ़ना पसंद करेंगे ?
नहीं ! नहीं ! ये वो सवाल नहीं 
जो घर आये मेहमान से 
पूछा जाता है ....
क्या लेंगे ?
कॉफ़ी लेंगे या चाय लेंगे ?
या ठंडा शरबत लेंगे ?
चाय दूध वाली 
या ब्लैक टी पसंद करेंगे ?

बिलकुल नहीं !
मेरा सवाल ऐसा नहीं !
मुझे तो सिर्फ जानना है ,
आपकी क्या मनोकामना है ?

आपकी जो चाहना है ,
वही हमें लिखना है .
तो बताइए ,
खिचड़ी या खीर 
क्या परोसें ?
तबीयत क्या कहती है ?

मन की अवस्था के बारे में ?
देश की व्यवस्था के बारे में ?
नदी , नाविक , नौका के बारे में ?
या नाव खेती पतवार के बारे में ?
परिवार , आचार , व्यवहार के बारे में ?
या अपनों के अधिकार के बारे में ?
जन-जन के प्रति सरोकार के बारे में ?
या आत्मबल पर टिके सेवा भाव के बारे में ?
खेल , मनोरंजन , विज्ञान के चमत्कार के बारे में ?
या कला की सार्थकता के बारे में ?
लोगों में बढ़ती दूरियों के बारे में ?
या दिलों को जोड़ती सद्भावना के बारे में ?

आप जो कहिये .
बस बता दीजिये .
हम जो लिखें 
वो आप पढ़ें ,
तब ही तो बात बनती है .
बात एक सिरे से 
दूसरे सिरे तक पहुँचती है .

आखिर हमें तो 
आपकी ही बात 
आप तक पहुँचानी है .
बाकी सब बेमानी है .

तो कहिये 
क्या पढ़ना 
पसंद करेंगे आप ?
यथार्थ का फटा पन्ना ?
या कोरी कल्पना ?




रविवार, 16 जून 2013

कैसे कहोगे ?




कैसे कहोगे ?
कि उससे प्यार है तुम्हें ..
चाँद उतार कर 
उसकी हथेली पर 
रख दो .
या इन्द्रधनुष का ताज 
उसके सर पर 
रख दो .
सितारों के झुमके 
पहना दो .
आसमान को ज़रा-सा 
झुका दो .
हाथ की लकीरों में  
पढ़वा दो .
बिना कहे 
सब कुछ बता दो .

तुम्हें पता है क्या ?
दिल से दिल तक एक 
ख़ुफ़िया रास्ता होता है ,
जिसका पता सिर्फ़  
दिल को होता है .
कहने की भी ज़रुरत है क्या ?
धड़कनों का अफ़साना 
ख़ुद-ब-ख़ुद बयाँ होता है .


 

शनिवार, 8 जून 2013

सबसे बड़ी खबर





जीवन की उठा-पटक 
एकरस .
हलचल नहीं दूर तक .
नीरस .
हर दिन अपने को दोहराता हुआ .
वही पुराने पाठ का रट्टा लगता हुआ .
ऐसे में हम सभी 
ढूंढते है सनसनी 
टीवी रिपोर्ट में ..
अखबार में छपी 
वारदात में ..
जीने का रोमांच .
चालू फ़िल्मी गीतों में 
इस पल का रोमांस .
क्या ज़रा भी नहीं 
हमारी अपनी ज़िन्दगी 
दिलचस्प ?
हमारी अपनी खबर 
भी तो बन सकती है 
इस घंटे की 
सबसे बड़ी खबर !