नव संवत्सर के आगमन पर
नव संकल्प से होकर विभूषित
समवेत स्वर में करें अभिवादन
समर्पित भाव से हो शुभारंभ
हर दिन होता है एक नया दिन
नये सिरे से होती है यात्रा आरंभ
क्षितिज पर उदय होता नया सूर्य
दिग-दिगंत किरणों की वंदनवार
पंखुरियों की ओट ले खिले फूल
पंछी चहके, कल-कल बहा जल
पकी फसल, पवन छेङे मृदु मृदंग
भ्रमर चकित सुन सृष्टि का अनुनाद
बोएं नई फसल, नया पौधा रोप,
नव अनुसंधान, नवाचार सत्कार
रचें कला के नये प्रसंग, प्रतिमान
प्रति क्षण नई संभावना का आगार
शनिवार, 29 मार्च 2025
नव संवत्सर अभिनंदन
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आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 31 मार्च 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ! नव संवत्सर मंगलमय हो !
जवाब देंहटाएंअति सुंदर और उत्साह पूर्ण !
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर 👌🏻नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएं🌺 या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता ,,🙏
🌺 नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। 🙏
नववर्ष, गुड़ी पड़वा एवं चैत्र नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई🙏🏻💐