मंगलवार, 31 दिसंबर 2024

अलविदा, फिर आना ..


समय जो बीत गया

उसे अलविदा ।

जैसा भी बीता,

बीत गया ।

यादें और हिदायतें 

छोङ गया ।

वक्त का काफ़िला 

आगे बढ़ गया ।

बदल कर चोला

फिर लौटा,

गाता-गुनगुनाता 

हाथ लिए इकतारा ।

आने वाले समय

स्वागत है तुम्हारा ।

खोलो अपना पिटारा !

शुरु करो खेल अपना !

हमारी शुभकामना !

सिर्फ़ ख़बर मत बनना !

सबके दिलों में बसना !



2 टिप्‍पणियां:

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