शब्दों में बुने भाव भले लगते हैं । स्याही में घुले संकल्प बल देते हैं ।
कोई बात
दिल में सीधे
उतर जाती है ।
हृदय तल में
बस जाती है ।
हृदय ताल में
खिलती है
कमल सी,
हंस सम
ध्यानमग्न,
कल-कल जल में
उजले पंखों से
नैया खेती,
लहर-लहर
लिखी जाती है
कविता ।
कोई कोई बात
बन जाती है
बहुत सुन्दर।
यह बात आप तक पहुँची , इस बात की ख़ुशी है. शुक्रिया.
वाह. बहुत सुंदर
आपकी सराहना सर-आँखों पर. धन्यवाद.
कुछ अपने मन की भी कहिए
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंयह बात आप तक पहुँची , इस बात की ख़ुशी है. शुक्रिया.
हटाएंवाह. बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआपकी सराहना सर-आँखों पर. धन्यवाद.
हटाएं